Thursday 12 January 2017

राजनीती और बकैती में अंतर

 हमारे दए देश मेँ क़ुछ ऎसे बुद्धिजीवि पडे हैं जिनकों अब से ६० वर्षों क़े पह्ले सब ठीक ठाक लगता था , लेकिन जब से मोदी जी आये है तब से देश सही नहीं है मैं उनसे पूछना चहता हूँ की जब देश में भ्रस्टाचार अपनी चरम सीमा पर था वह भी कांग्रेस के समय में तब ये तथाकथित बुद्धिजीवी कहा थे ,मतलब स्पष्ट है की फ्री की मलाई मिलनी बंद हो गयी तो अब तकलीफ हो रही है और एक राहुल गाँधी महोदय है बेचारे छुटटी से परसो आये है और लगे मोदी जी को  कोसने की मोदी जी को पद्मासन करने नहीं आता अरे भाई मोदी जी को पूरा देश क्या पूरा विश्व सलाम कर रहा है आप बताओ आप क्या जानते हो अभी बैंक जाओ वहाँ से ४००० रुपये मात्र निकालो और अपने अम्मी अब्बा के काले धन को ठिकाने लगाओ , जनता बेवकूफ नहीं है उसको सब पता है ये राजनीती तुम और तुम्हारे दादा दादी करते थे या अब केजरीवाल कर रहे है , मोदी जी सिर्फ देश की सेवा करना चाह रहे है और तुम लोगो जैसे नेता वह भी घटिया छाप  लोग नहीं करने दे रहे है और एक ममता बनर्जी कोल्कता वाली जिनके त्रिणमूल कॉंग्रेस के कुछ घटिया छाप नेता और एक इमाम मोदी जी के बारे में जो उल्टा सीधा बोल रहे हो सब अपने आप सही हो जाओगे /

 Hamare desh me kisi bhi neta ko kaisi saja mili ho lekin wo apni jamanat karwa hi leta hai aur ha yadi usko chunaw na ladne diya court ne to woh apne bete ya patni ko chunaw ladwata hai aur jitwa bhi deta hai aur phir wahi dhak ke teen paat ,Raaj wahi criminal hi karta hai....ie Lalu .